Page 7 - kaushal
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सॊदेश



हहॊदी सॊऩूणष बायत को एक सूि भं वऩयोने िारी जन बार्ा है। कार्भषक औय

रर्िऺण विबाग याजबार्ा हहॊदी के रचाय-रसाय के र्रए ऩहरे से ही रम्निीर यहा
है औय इसी हदिा भं एक कदभ औय फढाते हए विबाग ्िाया याजबार्ा हहॊदी की


विबागीम ई-गरह ऩरिका “कौशर” का रथभ अॊक ननकारा जा यहा है। कौिर
ऩरिका के भाध्मभ से ऩहरी फाय ऩाठकं से जु़ने भं भुझे फ़े हर्ष की अनुबूनत हो

यही है। कार्भषक औय रर्िऺण विबाग बायत सयकाय भं कार्भषकं की बती,

रर्िऺण, रकिमाओॊ, ननमभं औय विननमभं के ननभाषण के भह्िऩूणष कामष के साथ–

साथ याजबार्ा हहॊदी के कामष को बी सॊविधान की अऩेऺाओॊ के अनुूऩ रबािी ूऩ

से उऩमोग कयने की हदिा भं बी भह्िऩूणष बूर्भका ननबाता है।


हहॊदी के विकास के र्रए मह जूयी है कक िह हय ृ्टि से ऻान, सूचना औय

विचायं के आदान-रदान का एक सुगभ िाहक फने। भुझे ऩूयी उम्भीद है कक विबाग

की ई-गरह ऩरिका “कौिर” बायत सयकाय के कार्भषकं को ऐसा भॊच रदान कयेगी

्जससे िह याजबार्ा हहॊदी भं अऩनी यचना्भकता को र्तुत कय सक ं गे तथा हहॊदी

के उ्तयो्तय विकास भं अऩना भह्िऩूणष मोगदान दे सक ं गे। भुझे आिा है कक

“कौिर” ऩरिका िुू कयने का मह रमास अऩने र्म को राप्त कयेगा।


िुबकाभनाओॊ सहहत,





डॉ. सी. चॊरभौसर

सचचव (कासभिक)
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