Page 8 - kaushal
P. 8
उ्फोधन
विबाग ्िाया रकार्ित की जा यही “कौशर” ऩरिका का रथभ अॊक आऩ
सफके सभऺ र्तुत कयते हए भुझे फेहद खुिी हो यही है। फहत अयसे से विर्बवन
ु
ु
भॊचं से मह सुझाि राप्त हो यहा था कक कार्भषक औय रर्िऺण विबाग जैसे
भह्िऩूणष विबाग की अऩनी एक गरह ऩरिका होनी चाहहए जो हहॊदी के रचाय-रसाय
हेतु कार्भषकं को एक भॊच रदान कयं। मह भेया सौबा्म है कक इस ऩरिका के
िुबायॊब से भं जु़ा हॊ औय इसके रथभ अॊक की िुूआत का साऺी फन यहा हॊ।
ू
ू
हहॊदी के िर एक बार्ा नहीॊ फ्कक बायतीम सॊ्क र नत औय धयोहय का रतीक है। हहॊदी
िह सूि है जो बायत की विविध बार्ाओॊ को जो़ती है औय मह हभायी साझी
सॊ्क र नत की र्भसार है।
ककसी बार्ा को कोई सयकाय नहीॊ राती फ्कक जनता भं उसके रचरन से
कोई बार्ा अऩना ्थान हार्सर कयती है। हहॊदी बार्ा की ि्तत उसको फोरने िारे
वििार जन सभुदाम भं ननहहत है जो के िर बायत भं ही नहीॊ फ्कक सॊऩूणष वि्ि
भं फसा हआ है। आजादी की ऱाई भं हहॊदी की बूर्भका से हभ सफ बरी-बाॊनत
ु
ऩरयगचत हं औय इसी कायण इसके भह्ि को देखते हए बायत की सॊविधान सबा
ु
भं हहॊदी को सॊघ की याजबार्ा का दजाष रदान ककमा गमा था। सॊविधान भं सॊघ
सयकाय को मह भह्िऩूणष दानम्ि बी संऩा गमा कक िह हहॊदी के उ्तयो्तय
विकास हेतु कामष कये। क ं र सयकाय के एक भह्िऩूणष विबाग के ूऩ भं “कौिर”
नाभक मह ई-गरह ऩरिका का मह ऩहरा कदभ कहा जा सकता है। हय फ़े सपय
की िुूआत ऩहरे कदभ से ही होती है औय सही हदिा भं उठा कदभ भॊ्जर को
फहत कयीफ रे आता है।
ु
विबाग ्िाया रकार्ित की जा यही “कौशर” ऩरिका का रथभ अॊक आऩ
सफके सभऺ र्तुत कयते हए भुझे फेहद खुिी हो यही है। फहत अयसे से विर्बवन
ु
ु
भॊचं से मह सुझाि राप्त हो यहा था कक कार्भषक औय रर्िऺण विबाग जैसे
भह्िऩूणष विबाग की अऩनी एक गरह ऩरिका होनी चाहहए जो हहॊदी के रचाय-रसाय
हेतु कार्भषकं को एक भॊच रदान कयं। मह भेया सौबा्म है कक इस ऩरिका के
िुबायॊब से भं जु़ा हॊ औय इसके रथभ अॊक की िुूआत का साऺी फन यहा हॊ।
ू
ू
हहॊदी के िर एक बार्ा नहीॊ फ्कक बायतीम सॊ्क र नत औय धयोहय का रतीक है। हहॊदी
िह सूि है जो बायत की विविध बार्ाओॊ को जो़ती है औय मह हभायी साझी
सॊ्क र नत की र्भसार है।
ककसी बार्ा को कोई सयकाय नहीॊ राती फ्कक जनता भं उसके रचरन से
कोई बार्ा अऩना ्थान हार्सर कयती है। हहॊदी बार्ा की ि्तत उसको फोरने िारे
वििार जन सभुदाम भं ननहहत है जो के िर बायत भं ही नहीॊ फ्कक सॊऩूणष वि्ि
भं फसा हआ है। आजादी की ऱाई भं हहॊदी की बूर्भका से हभ सफ बरी-बाॊनत
ु
ऩरयगचत हं औय इसी कायण इसके भह्ि को देखते हए बायत की सॊविधान सबा
ु
भं हहॊदी को सॊघ की याजबार्ा का दजाष रदान ककमा गमा था। सॊविधान भं सॊघ
सयकाय को मह भह्िऩूणष दानम्ि बी संऩा गमा कक िह हहॊदी के उ्तयो्तय
विकास हेतु कामष कये। क ं र सयकाय के एक भह्िऩूणष विबाग के ूऩ भं “कौिर”
नाभक मह ई-गरह ऩरिका का मह ऩहरा कदभ कहा जा सकता है। हय फ़े सपय
की िुूआत ऩहरे कदभ से ही होती है औय सही हदिा भं उठा कदभ भॊ्जर को
फहत कयीफ रे आता है।
ु