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कासभिक एवॊ रसशऺण ववबाग भं अॊतयाि्रीम भदहरा ददवस
का आमोजन
8 भाचष सॊऩूणष वि्ि भं अॊतयाषटरीम भहहरा हदिस के आमोजन के र्रए र्मात
है। मह हदिस ‘भहहरा सित तीकयण’ हदिस के तौय ऩय अरग-अरग रकाय से
भनामा जाता है। ‘भहहरा सित तीकयण’ अथाषत भहहराओॊ को इतना मो्म, सऺभ
फनाना ्जसके ्िाया उवहं अऩने जीिन से जु़े ननणषम रेने की आजादी हो। सभाज
भं उनके िा्तविक अगधकाय को राप्त कयने के र्रए भहहराओॊ को सऺभ फनाना
ही ‘भहहरा सित तीकयण’ है।
कोई बी देि उवननत के र्िखय ऩय तफ तक नहीॊ ऩहॊच सकता, जफ तक उसकी
ु
भहहराएॊ कॊ धे से कॊ धा र्भराकय न चरं। देि को तयतकी के र्रए मह आि्मक है
कक भहहराएॊ सितत हं तमंकक एक फाय जफ भहहरा कदभ आगे फढाती है तो
ऩरयिाय आगे फढता है, सभाज आगे फढता है औय याटर विकास की ओय फढता है।
बायत भं भहहराओॊ को सितत फनाने के र्रए सिषरथभ उनके साभा्जक अगधकायं
तथा भूकमं को भायने िारी याऺसी सोच को भायना आि्मक है, जैसे दहेज रथा,
मौन हहॊसा, अर्िऺा, रूण ह्मा, घयेरू हहॊसा, िे्मािर््त, साभा्जक असभानता, रंगगक
बेदबाि इ्माहद। रंगगक सभानता को राथर्भकता देना ऩूये बायत का रथभ कतष्म
है औय नायी सि्ततकयण का आधाय बी।
रंगगक सभानता के इसी आधायबूत र्सधॎधाॊत को इस िर्ष कार्भषक भॊिारम
्िाया आमो्जत अॊतयाषटरीम भहहरा हदिस का के वर रफवदु विर्म यखा गमा था।
कार्भषक, रोक र्िकामत एिॊ ऩंिन भॊिारम के अॊतगषत कार्भषक औय रर्िऺण
विबाग वऩछरे क ु छ िर्ं से रनतिर्ष अॊतयाषटरीम भहहरा हदिस का सपर आमोजन
कयता यहा है। इस आमोजन का भूर उद्दे्म- बायतीम सॊविधान ्िाया हदए गए
सभानता के अगधकाय को सुनन््चत कयना तथा भॊिारम की भहहरा
अगधकारयमं/कभषचारयमं को एक ऐसा भॊच उऩरब्ध कयाना है ्जसके ्िाया िे
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का आमोजन
8 भाचष सॊऩूणष वि्ि भं अॊतयाषटरीम भहहरा हदिस के आमोजन के र्रए र्मात
है। मह हदिस ‘भहहरा सित तीकयण’ हदिस के तौय ऩय अरग-अरग रकाय से
भनामा जाता है। ‘भहहरा सित तीकयण’ अथाषत भहहराओॊ को इतना मो्म, सऺभ
फनाना ्जसके ्िाया उवहं अऩने जीिन से जु़े ननणषम रेने की आजादी हो। सभाज
भं उनके िा्तविक अगधकाय को राप्त कयने के र्रए भहहराओॊ को सऺभ फनाना
ही ‘भहहरा सित तीकयण’ है।
कोई बी देि उवननत के र्िखय ऩय तफ तक नहीॊ ऩहॊच सकता, जफ तक उसकी
ु
भहहराएॊ कॊ धे से कॊ धा र्भराकय न चरं। देि को तयतकी के र्रए मह आि्मक है
कक भहहराएॊ सितत हं तमंकक एक फाय जफ भहहरा कदभ आगे फढाती है तो
ऩरयिाय आगे फढता है, सभाज आगे फढता है औय याटर विकास की ओय फढता है।
बायत भं भहहराओॊ को सितत फनाने के र्रए सिषरथभ उनके साभा्जक अगधकायं
तथा भूकमं को भायने िारी याऺसी सोच को भायना आि्मक है, जैसे दहेज रथा,
मौन हहॊसा, अर्िऺा, रूण ह्मा, घयेरू हहॊसा, िे्मािर््त, साभा्जक असभानता, रंगगक
बेदबाि इ्माहद। रंगगक सभानता को राथर्भकता देना ऩूये बायत का रथभ कतष्म
है औय नायी सि्ततकयण का आधाय बी।
रंगगक सभानता के इसी आधायबूत र्सधॎधाॊत को इस िर्ष कार्भषक भॊिारम
्िाया आमो्जत अॊतयाषटरीम भहहरा हदिस का के वर रफवदु विर्म यखा गमा था।
कार्भषक, रोक र्िकामत एिॊ ऩंिन भॊिारम के अॊतगषत कार्भषक औय रर्िऺण
विबाग वऩछरे क ु छ िर्ं से रनतिर्ष अॊतयाषटरीम भहहरा हदिस का सपर आमोजन
कयता यहा है। इस आमोजन का भूर उद्दे्म- बायतीम सॊविधान ्िाया हदए गए
सभानता के अगधकाय को सुनन््चत कयना तथा भॊिारम की भहहरा
अगधकारयमं/कभषचारयमं को एक ऐसा भॊच उऩरब्ध कयाना है ्जसके ्िाया िे
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