Page 40 - kaushal
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जी को जाता है। आज जहाॊ ््ि माॊ ऩुूर्ं के कॊ धे से कॊ धा र्भराकय कामष कय यहीॊ
है, मह के िर सॊविधान की बंि है। सभानता का अगधकाय सॊविधान की बंि है। कई
तयह से ्िी को सुयऺा, र्िऺा उवननत का अिसय राप्त हो इसर्रए सॊविधान भं
भहहराओॊ के र्रए वििेर् ूऩ से रािधान ककए गए हं। भहहरा उसी के फरफूते ऩय
कई फ़े-फ़े ऩदं ऩय वियाजभान हं। डॉ. फाफा साहेफ अॊफेडकय मह जानते थे अगय
बायत को भहान देि फनना है तो देि की ््िमं का र्िषऺत होना अ्मॊत जूयी
है। ककसी बी देि का विकास ्िी सभानता, ्िी र्िऺा तथा ्िी सुयऺा रफना
नाभुभककन है।
जहाॊ तक ्िी सभानता की फात है एक तयप देि के फ़े ऩदं ऩय भहहरा
वियाजभान हं तो कहीॊ ऩय अबी बी ऱकी होना ऩाऩ है। ्िी रूण ह्मा की
र्िकाय हई कई अफरा हं। जहाॊ र्िऺा का हक राप्त कयने के फाद बी अर्िषऺत
ु
यह कय िोर्ण का र्िकाय होने िारी कई अफरा नारयमाॊ हं। देि को सितत,
उवनत एिॊ रगत फनाना है, तो ्िी ऩुूर् सभानता जूयी है। ्िी ऩुूर् सभानता
ककताफं भं ऩढने-ऩढाने बार्ण देने के साथ ही उसे जीिन भं अऩनाना बी जूयी
है। ्िी सभानता तबी राप्त होगी जफ हय घय घय भं नायी को सभानता एिॊ र्िऺा
दोनो का हक राप् त होगा तबी देि रगनत ऩथ ऩय होगा। भहहराओॊ का सभाज भं
्थान सुधायने हेतु ्वि्तय ऩय कामष कयना जूयी है। ऩहरा ्तय उनके र्रए
सॊयऺण के कानून फनाना औय ्वि्तय ककमाणकायी मोजनाओॊ का रचाय-रसाय एिॊ
उऩमोग है ्जसके र्रए बायतीम सॊविधान भं उनके र्रए अनेक रािधान ककए गए
हं।
अनु्छेद 14- कानूनी सभानता। अनु्छेद 15- जानत, धभष, र्रॊग एिॊ जवभ
्थान आहद के आधाय ऩय बेदबाि न कयना। अनु्छेद 16- सयकायी सेिा भं रफना
बेदबाि के अिसय की सभानता। अनु्छेद 39घ- ऩुूर् एिॊ भहहरा दोनं को
सभान कामष के र्रए सभान िेतन। अनु्छेद 42- भदहराओॊ के सरए रसूनत
सहामता का रावधान। अनु्छेद 51ए व ई- बायत के सबी रोग ऐसी रथाओॊ का
्
्माग कयं जो भदहरा सम् भान के ववूह हं।
रधानभॊिी जी के रमासं से कई तयह की मोजना भहहराओॊ के र्रए चराई
जा यही है। ्जनभं फेिी फचाओ-फेिी ऩढाओ, भनोधैमष मोजना, रधानभॊिी सुयषऺत
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है, मह के िर सॊविधान की बंि है। सभानता का अगधकाय सॊविधान की बंि है। कई
तयह से ्िी को सुयऺा, र्िऺा उवननत का अिसय राप्त हो इसर्रए सॊविधान भं
भहहराओॊ के र्रए वििेर् ूऩ से रािधान ककए गए हं। भहहरा उसी के फरफूते ऩय
कई फ़े-फ़े ऩदं ऩय वियाजभान हं। डॉ. फाफा साहेफ अॊफेडकय मह जानते थे अगय
बायत को भहान देि फनना है तो देि की ््िमं का र्िषऺत होना अ्मॊत जूयी
है। ककसी बी देि का विकास ्िी सभानता, ्िी र्िऺा तथा ्िी सुयऺा रफना
नाभुभककन है।
जहाॊ तक ्िी सभानता की फात है एक तयप देि के फ़े ऩदं ऩय भहहरा
वियाजभान हं तो कहीॊ ऩय अबी बी ऱकी होना ऩाऩ है। ्िी रूण ह्मा की
र्िकाय हई कई अफरा हं। जहाॊ र्िऺा का हक राप्त कयने के फाद बी अर्िषऺत
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यह कय िोर्ण का र्िकाय होने िारी कई अफरा नारयमाॊ हं। देि को सितत,
उवनत एिॊ रगत फनाना है, तो ्िी ऩुूर् सभानता जूयी है। ्िी ऩुूर् सभानता
ककताफं भं ऩढने-ऩढाने बार्ण देने के साथ ही उसे जीिन भं अऩनाना बी जूयी
है। ्िी सभानता तबी राप्त होगी जफ हय घय घय भं नायी को सभानता एिॊ र्िऺा
दोनो का हक राप् त होगा तबी देि रगनत ऩथ ऩय होगा। भहहराओॊ का सभाज भं
्थान सुधायने हेतु ्वि्तय ऩय कामष कयना जूयी है। ऩहरा ्तय उनके र्रए
सॊयऺण के कानून फनाना औय ्वि्तय ककमाणकायी मोजनाओॊ का रचाय-रसाय एिॊ
उऩमोग है ्जसके र्रए बायतीम सॊविधान भं उनके र्रए अनेक रािधान ककए गए
हं।
अनु्छेद 14- कानूनी सभानता। अनु्छेद 15- जानत, धभष, र्रॊग एिॊ जवभ
्थान आहद के आधाय ऩय बेदबाि न कयना। अनु्छेद 16- सयकायी सेिा भं रफना
बेदबाि के अिसय की सभानता। अनु्छेद 39घ- ऩुूर् एिॊ भहहरा दोनं को
सभान कामष के र्रए सभान िेतन। अनु्छेद 42- भदहराओॊ के सरए रसूनत
सहामता का रावधान। अनु्छेद 51ए व ई- बायत के सबी रोग ऐसी रथाओॊ का
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्माग कयं जो भदहरा सम् भान के ववूह हं।
रधानभॊिी जी के रमासं से कई तयह की मोजना भहहराओॊ के र्रए चराई
जा यही है। ्जनभं फेिी फचाओ-फेिी ऩढाओ, भनोधैमष मोजना, रधानभॊिी सुयषऺत
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