Page 41 - kaushal
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भातर्ि अर्बमान, रधानभॊिी भातरिॊदना मोजना, जननी र्ििु सुयऺा कामषिभ आहद।
आजकर रोग भहहराओॊ को 50% आयऺण के र्रए उतने उतािरे नहीॊ हं ्जतना
रोग घयेरू भसरं को रेकय हाईकोिष तक द्तक दे यहे है। हार ही भं भुॊफई भं
एक श्ीभान ने अऩनी ऩ्नी से तराक के र्रए फॉम्फे हाईकोिष तक द्तक दी है।
उसका कायण के िर मह था कक िह भहहरा ऩनत को काभ से रौिने के फाद उसे
ऩानी नहीॊ ऩूछती थी। जफ की भहहरा बी कामषयत है। रगनत की याह ऩय चरने
िारा सभाज कफ तक ऩुूर्स्ताक फनकय यहेगा। तमा भहहरा अबी बी ऩुूर्ं की
जूती फन कय चाय हदिायं भं फॊधी यहेगीॊ। तमा भहहरा के िर िायीरयक िोर्ण की
एक गुड़मा फनकय यहेगी। सभाज ्मि्था के यीनत-रयिाज की चौखि फन कय
यहेगी। इवहीॊ साये सिारं का जिाफ नहीॊ फनेगा जफ ऩुूर्स्ताभक सभाज ्मि्था
्िी-ऩुूर् सभानता फनेगी एिॊ ्िी उ्च र्िषऺत होगीॊ। तबी िे ककसी िोर्ण का
कायण नहीॊ फनेगी औय अऩनी सुयऺा एिॊ हक के र्रए आिाज उठाएॊगी। इस सार
के भहहरा हदिस के उऩर्म भं सबी से अनुयोध है कक घय-घय भं भहहरा र्िऺा,
्ितॊिता एिॊ सुयऺा, सभानता का हक हय ्िी को रदान कयं। एक सऺभ सुृढ
सभाज, देि फनाने भं भदद कयं। घय-घय गाॊि-गाॊि, िहय-िहय भं ्िी र्िऺा का
रसाय अगधक ऩैभाने ऩय कयने एिॊ भहहरा औय ऩुूर्ं को अऩनी भानर्सकता भं
फदराि कयने की जूयत है। ्िी-ऩुूर् सभानता ऩय ही देि का विकास ननबषय
कयता है। 2011 की जनगणना के अनुसाय देि भं भहहराओॊ की सॊ्मा 46% है।
भहहरा की इतनी फ़ी बागीदायी राप्त कयने िारे देि को अगय भहास्ता फनना है
तो जूयी है भहहरा को र्िऺा औय सुयऺा रदान कयने की एिॊ अऩनी
ऩुूर्स्ताभक भानर्सकता फदरने की।
ऩैयं भं ऩामर कहकय, फॊहद्त फनाने िारे
हाथं भं चूड डमाॊ कहकय हथकडी ऩहनाने िारे
र्जा, इ्जत, अफरा की चौखि भं यखने िारे
अफ ितत आ गमा आजादी की उ़ान बयने का
िूिे हए ऩॊखं से ही तमं न
ु
उम्भीद बयी, उभॊग बयी, ्जॊदगी जीने का
24
आजकर रोग भहहराओॊ को 50% आयऺण के र्रए उतने उतािरे नहीॊ हं ्जतना
रोग घयेरू भसरं को रेकय हाईकोिष तक द्तक दे यहे है। हार ही भं भुॊफई भं
एक श्ीभान ने अऩनी ऩ्नी से तराक के र्रए फॉम्फे हाईकोिष तक द्तक दी है।
उसका कायण के िर मह था कक िह भहहरा ऩनत को काभ से रौिने के फाद उसे
ऩानी नहीॊ ऩूछती थी। जफ की भहहरा बी कामषयत है। रगनत की याह ऩय चरने
िारा सभाज कफ तक ऩुूर्स्ताक फनकय यहेगा। तमा भहहरा अबी बी ऩुूर्ं की
जूती फन कय चाय हदिायं भं फॊधी यहेगीॊ। तमा भहहरा के िर िायीरयक िोर्ण की
एक गुड़मा फनकय यहेगी। सभाज ्मि्था के यीनत-रयिाज की चौखि फन कय
यहेगी। इवहीॊ साये सिारं का जिाफ नहीॊ फनेगा जफ ऩुूर्स्ताभक सभाज ्मि्था
्िी-ऩुूर् सभानता फनेगी एिॊ ्िी उ्च र्िषऺत होगीॊ। तबी िे ककसी िोर्ण का
कायण नहीॊ फनेगी औय अऩनी सुयऺा एिॊ हक के र्रए आिाज उठाएॊगी। इस सार
के भहहरा हदिस के उऩर्म भं सबी से अनुयोध है कक घय-घय भं भहहरा र्िऺा,
्ितॊिता एिॊ सुयऺा, सभानता का हक हय ्िी को रदान कयं। एक सऺभ सुृढ
सभाज, देि फनाने भं भदद कयं। घय-घय गाॊि-गाॊि, िहय-िहय भं ्िी र्िऺा का
रसाय अगधक ऩैभाने ऩय कयने एिॊ भहहरा औय ऩुूर्ं को अऩनी भानर्सकता भं
फदराि कयने की जूयत है। ्िी-ऩुूर् सभानता ऩय ही देि का विकास ननबषय
कयता है। 2011 की जनगणना के अनुसाय देि भं भहहराओॊ की सॊ्मा 46% है।
भहहरा की इतनी फ़ी बागीदायी राप्त कयने िारे देि को अगय भहास्ता फनना है
तो जूयी है भहहरा को र्िऺा औय सुयऺा रदान कयने की एिॊ अऩनी
ऩुूर्स्ताभक भानर्सकता फदरने की।
ऩैयं भं ऩामर कहकय, फॊहद्त फनाने िारे
हाथं भं चूड डमाॊ कहकय हथकडी ऩहनाने िारे
र्जा, इ्जत, अफरा की चौखि भं यखने िारे
अफ ितत आ गमा आजादी की उ़ान बयने का
िूिे हए ऩॊखं से ही तमं न
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उम्भीद बयी, उभॊग बयी, ्जॊदगी जीने का
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