Page 80 - kaushal
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र्रए अ् मॊत हाननकायक हं इसके अििेर् बी कभ हाननकायक नहीॊ हं औय इसके
अनतय्तत इसके रमोग के तौय-तयीके बी खतयनाक हं भोफाईर ऩय फात कयते-
कयते दुघषिनाओॊ की खफयं आभ हो गमी है। कानं ऩय रीड रगाए औय भोफाईर
ऩय घॊिं सभम ् मतीत कयते फ् चं औय निमुिकं की मह नि ऩीढी ककस हदिा भं
आगे फढ यहीॊ है। अ् रीरता ऩयोसी जा यही है। खतयानाक भोफाईर गेम्स फचऩन
रीर यहे हं। सोिर भीडडमा के भाध् मभ से सभाज भं नपयत औय ्िेर् का मूॊ
इतनी सयरता से रसाय होना वि् पोिक ््थनत की ओय भनुट मता को रे जा यहा
है। आनराईन धोखा-ध़ी औय साईफय िाइभ के ूऩ भं नए-नए दै् म अितरयत हो
यहे हं। ऩारयिारयक करह औय सभाज भं भूक मं औय सॊ् कायं का ऩतन गचॊतनीम
है। सॊदेह-क ुॊ ठा औय एकाकीऩन जैसे कायक साभा्जक विघिन के र्रए महद
उ् तयदामी है तो भोफाईर ही उसका कायण है। महद सभम यहते भोफाईर ्िाया
रसारयत ि रचारयत होने इन सभा्जक विकायं का ननिायण नहीॊ होता है तो मह
अभत आविट काय ई् िय की अनुऩभ क र नत अथाषत भनुट म के विनाि का कायण र्सधॎध
ु
होगा।
अॊत भं मह कहना ही ऩमाषप् त होगा कक विऻान की इस अभूक म देन को इस
रकाय रमोग भं राना होगा कक इसके ्िाया उ् ऩव न सभ् माओॊ को कभजोय ककमा
जा सके अथाषत इस उऩकयण से राबा्वित होने के साथ-साथ इससे सािधान होने
की बी आि् मकता है।
गोऩीनाथ,
वैमज्तक सहामक,
(रथभ ऩुय्काय से ऩुय्कत)
ृ
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अनतय्तत इसके रमोग के तौय-तयीके बी खतयनाक हं भोफाईर ऩय फात कयते-
कयते दुघषिनाओॊ की खफयं आभ हो गमी है। कानं ऩय रीड रगाए औय भोफाईर
ऩय घॊिं सभम ् मतीत कयते फ् चं औय निमुिकं की मह नि ऩीढी ककस हदिा भं
आगे फढ यहीॊ है। अ् रीरता ऩयोसी जा यही है। खतयानाक भोफाईर गेम्स फचऩन
रीर यहे हं। सोिर भीडडमा के भाध् मभ से सभाज भं नपयत औय ्िेर् का मूॊ
इतनी सयरता से रसाय होना वि् पोिक ््थनत की ओय भनुट मता को रे जा यहा
है। आनराईन धोखा-ध़ी औय साईफय िाइभ के ूऩ भं नए-नए दै् म अितरयत हो
यहे हं। ऩारयिारयक करह औय सभाज भं भूक मं औय सॊ् कायं का ऩतन गचॊतनीम
है। सॊदेह-क ुॊ ठा औय एकाकीऩन जैसे कायक साभा्जक विघिन के र्रए महद
उ् तयदामी है तो भोफाईर ही उसका कायण है। महद सभम यहते भोफाईर ्िाया
रसारयत ि रचारयत होने इन सभा्जक विकायं का ननिायण नहीॊ होता है तो मह
अभत आविट काय ई् िय की अनुऩभ क र नत अथाषत भनुट म के विनाि का कायण र्सधॎध
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अॊत भं मह कहना ही ऩमाषप् त होगा कक विऻान की इस अभूक म देन को इस
रकाय रमोग भं राना होगा कक इसके ्िाया उ् ऩव न सभ् माओॊ को कभजोय ककमा
जा सके अथाषत इस उऩकयण से राबा्वित होने के साथ-साथ इससे सािधान होने
की बी आि् मकता है।
गोऩीनाथ,
वैमज्तक सहामक,
(रथभ ऩुय्काय से ऩुय्कत)
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