Page 78 - kaushal
P. 78
भोफाईर की फ़ती रोकवरमता, राब तथा हाननमाॊ




दूयसॊचाय के साधन के ूऩ भं भोफाईर का आगभन मूॊ तो ऩाय् ऩरयक िाताष

को सुगभ फनाने हेतु उऩमोग भं राए जाने िारे असाधायण उऩकयण का आविट काय


भाि था। इसकी उऩमोगगता एिॊ रमोग का ऺेि सॊिाद आधारयत एिॊ ताय-यहहत मॊि

की दैननक आि् मकता तक ही सीर्भत था कक ॊ तु इसके विकास की मािा


अकक ऩनीम एिॊ अभत है। कदागचत इसकी अनुऩ््थनत आज के सभम भं एक

िावऩत जीिन के सभान है। कपत सड मा रंड-राईन दूयबार् का मॊि आज इसकी

रोकवरमता के सभऺ हिक नहीॊ सकता। धीये-धीये इस मॊि ने भानि को अऩना


दास फना र्रमा है। एक साभाव म से हदखने िारे मॊि ने जीिन की ऩरयबार्ा रय् तं

के अथष तथा ऻानिजषन के स्रोत को फदर कय यख हदमा है। ककतना अभत है कक


भोफाईर के ूऩ भं एक ही उऩकयण भं घ़ी, िाचष, अखफाय औय िीिी जैसी तभाभ

आि् मकताओॊ की ऩूनतष का भॊि सभामो्जत है। आज इसकी रोकवरमता का आरभ

मह हे कक इसके रफना जीिन अकक ऩनीम है। बोजन, ऩानी औय हिा के फाद िामद


भोफाईर ही भनुट म की रा थर्भक आि् मकता है। एक सभम था जफ नोककमा के

ूऩ भं भोफाईर एकभाि वि् िसनीम राॊड के साथ एकऺि अऩना आगधऩ् म

् थावऩत ककए हए था। भोफाईर का होना ही सॊरात एिॊ अभीय होने का रतीक था।


आज दूयसॊचाय की िाॊनत का ऩुयोधा मह भोफाईर उ्मोग जगत का सयगना है।

विर्बव न रकाय एिॊ कीभतं के साथ इस मॊि ने उ्मोग के ूऩ भं न के िर ् िमॊ

को ् थावऩत ककमा है फ्कक सभूचे उ्मोग जगत की कामाऩरि कय के यख दी है।



आज सूचना िाॊनत के इस मुग भं भोफाईर की उऩमोगगता एिॊ इसके राबं

की गणना कयना कहठन है। भानि जीिन भं हय ् तय ऩय इसका उऩमोग ककमा जा


यहा है। बार्ा सॊिाद की जहिरताओॊ को दूय कयने के र्रए िीडडमो कार्रॊग की

सुविधा है तो साथ ही इॊियनेि से जो़कय इस मॊि/उऩकयण ने फंक, ऑकपस ि


वि्मारम सहहत सबी आि् मक ि् तुओॊ को आऩके ्िाय तक रा ख़ा ककमा है।


61
   73   74   75   76   77   78   79   80   81   82   83