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ऩयॊतु आधुननकता के रबाि ने इन ् मोहायं के ् िूऩ भं बी आभूर-चूर

ऩरयितषन कय हदमा है। रोग चीन भं फनी भूनतषमाॊ, रड डमाॊ, यासामननक यॊग आहद


इ् तेभार कयने रगे हं ्जनसे इन ् मोहायं के भनाने का रमोजन ही ननट पर हो

जाता है। अत: हभं सॊतुरन फनाकय ् िदेिी की बािना से रेरयत होकय ् मोहाय

भनाने चाहहए।



ओभ रकाश


सहामक ननदेशक, याजबाषा






सूज्तमाॊ


रारमत ऩॊचवषािणण दशवषािणण सशऺमेत।


रा्ते तु ऩोडशे वषे ऩुरे सभरवदाचयेत।


ऩाॊच िर्ष की आमु तक फ्चं को रा़-प्माय कयना चाहहए, इसके फाद दस िर्ष


तक उवहं र्िऺा देनी चाहहए। सोरह िर्ष की आमु हो जाने ऩय ऩुि के साथ र्भि के

सभान ्मिहाय कयना चाहहए। कहाित के ूऩ भं रचर्रत है कक जफ वऩता ऩुि एक


ही नाऩ के जूते ऩहनने रगं तो उनभं र्भिित ्मिहाय होना चाहहए।


असबवादन शीर्मनन्मॊ वृहोऩसेववन्।


च्वाय्त्म वधि्ते आमुववि्मामशोफरॊ।

िरधॎध ्म्ततमं को रणाभ कयने, उनका सम्भान कयने औय उनकी नन्म सेिा

कयने से आमु, फुवधॎध मि औय फर भं िरवधॎध होती है।











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