Page 82 - kaushal
P. 82
इ़् की ़़िदाय हं यातं।




इतनी तमूॉ*सोगिाय हं यातं?


तुभ ऩे ककसकी उधाय हं यातं?


यातं थीॊ*िाहकाय सी ऩहरे,


अफ के फस ताय-ताय हं यातं।


कि यही हं*कफ़या़ भं तेये,


भौत की*भु्तआय हं यातं।


आऩके रफन बी कि यही हं सो,


आऩसे िभषसाय हं यातं।


जागने का सफफ फस इतना है,


इ़् की ़जषदाय हं यातं।


(* सोगिाय = िोकाक ु र, िाहकाय = भा्ियऩीस, कफ़या़ = वियह, भु्तआय = उधाय)




रय़वाना फानो'इ़या'

सहामक अनुबागअचधकायी







भं दुननमाॊ की सबी बार्ाओॊ की इ्जत कयता हॊ ऩय भेये देि भं हहॊदी

की इ्जत न हो, मह भं सह नहीॊ सकता – आचामि ववनोफा बावे












65
   77   78   79   80   81   82   83   84   85   86   87