Page 96 - kaushal
P. 96
तयणण औय तनुजा
तयखण तनुजा हदर ्नेहहत
उ्ऩ््त तेयी सुहाती है
ककरकायी गजषन तेयी
भन को हर्ाष जाती है
तू सॊबरे गगरय-उहठ उहठ-गगरय
चरना तुझको आ जाता है
तुतराती िाणी तेयी
कर-कर कयती ध्िनन
भन को हर्ाष जाती है
चरती भॊ्जर भं तेये
ककतनी फाधाएॉ आ जाती हं
फाॉध फना योकना चाहं तुझको
कपय बी तू आगे फढ जाती है
तू ऱती बानु हदिाकय से
भेघिार सहाया फन जाते हं
ककतने क ू ़ा-कीच़ ऩ़ते य्ते भं
अनुजा फने सहाया हं
जफ तू होती उफ़ानं भं
रहयाता हआ नतयॊगा जैसे
ु
भन को बाती है
तर्प्त नमन को कयती
भन को असीभ रुबाती है
जफ होती छे़छा़ तुझसे
79
तयखण तनुजा हदर ्नेहहत
उ्ऩ््त तेयी सुहाती है
ककरकायी गजषन तेयी
भन को हर्ाष जाती है
तू सॊबरे गगरय-उहठ उहठ-गगरय
चरना तुझको आ जाता है
तुतराती िाणी तेयी
कर-कर कयती ध्िनन
भन को हर्ाष जाती है
चरती भॊ्जर भं तेये
ककतनी फाधाएॉ आ जाती हं
फाॉध फना योकना चाहं तुझको
कपय बी तू आगे फढ जाती है
तू ऱती बानु हदिाकय से
भेघिार सहाया फन जाते हं
ककतने क ू ़ा-कीच़ ऩ़ते य्ते भं
अनुजा फने सहाया हं
जफ तू होती उफ़ानं भं
रहयाता हआ नतयॊगा जैसे
ु
भन को बाती है
तर्प्त नमन को कयती
भन को असीभ रुबाती है
जफ होती छे़छा़ तुझसे
79