Page 101 - kaushal
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ददष की छामा गहया गई हं।
न स़क ं न दिाईमाॊ न र्िऺा न योजगाय,
्जॊदगी के सॊघर्ष भं छ ू ि गमा है भेया गाॊि।
र्भि गए हं गाॊि के गर्रमाये,
र्भि गए हं सॊ्क र नत सॊ्काय।
विकास की फदननमत दयकते ऩहा़,
उपनती नहदमाॊ फेचैन घय।
ऩरामन-ऩरामन-ऩरामन की यफ्ताय,
मह िब्द ककतना है भार्भषक।
आॊस फॊधी है भाॊ फाऩू की फुझती आॊखं भं,
रौि आएॊगे इस वियासत भं।
अऩनं से रफछ ु ़ने का,
र्सरर्सरा आज बी जायी है।
गीत छ ू ि गए, ऩे़ छ ू ि गए, नदी छ ू ि गई,
फ़े फुजुगं की बािनाएॊ छ ू ि गई।
सुविधाओॊ की तराि भं,
फाध्म है ज़ं से दूय यहने को।
मे स़क ं जाती तो हं िहय तक,
रेककन िही स़क कबी नहीॊ जाती गाॊि तक।
गाॊधायी ऩाॊगती
सहामक ननदेशक,
के ्रीम सॊसाधन ववकास भॊरारम,
ऩज्चभी खॊड-7, आय.क े.ऩुयभ,
नई दद्री-110066
84
न स़क ं न दिाईमाॊ न र्िऺा न योजगाय,
्जॊदगी के सॊघर्ष भं छ ू ि गमा है भेया गाॊि।
र्भि गए हं गाॊि के गर्रमाये,
र्भि गए हं सॊ्क र नत सॊ्काय।
विकास की फदननमत दयकते ऩहा़,
उपनती नहदमाॊ फेचैन घय।
ऩरामन-ऩरामन-ऩरामन की यफ्ताय,
मह िब्द ककतना है भार्भषक।
आॊस फॊधी है भाॊ फाऩू की फुझती आॊखं भं,
रौि आएॊगे इस वियासत भं।
अऩनं से रफछ ु ़ने का,
र्सरर्सरा आज बी जायी है।
गीत छ ू ि गए, ऩे़ छ ू ि गए, नदी छ ू ि गई,
फ़े फुजुगं की बािनाएॊ छ ू ि गई।
सुविधाओॊ की तराि भं,
फाध्म है ज़ं से दूय यहने को।
मे स़क ं जाती तो हं िहय तक,
रेककन िही स़क कबी नहीॊ जाती गाॊि तक।
गाॊधायी ऩाॊगती
सहामक ननदेशक,
के ्रीम सॊसाधन ववकास भॊरारम,
ऩज्चभी खॊड-7, आय.क े.ऩुयभ,
नई दद्री-110066
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