Page 73 - kaushal
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िैसे तो बायत भं ् मोहायं की सॊ् मा कापी अगधक है ऩयॊतु महाॊ क ु छ रभुख

् मोहायं को र्रमा जा यहा है ्जव हं याट रीम ् िूऩ राप् त है। मे ् मोहाय हं-


यऺाफॊधन, दिहया, हदिारी औय होरी। ऩयॊऩया से इव हं चाय िणं अथाषत रा्भण,

ऺरिम, िै् म औय िूर से जो़ कय देखा जाता है। सॊबित: रायॊब भं ऐसा था बी।

ऩयॊतु काराॊतय भं इन सबी ् मोहायं को सबी िणं के रोगं ने भनाना िुू कय


हदमा। इन सबी ् मोहायं के आमोजन के सभम, आमोजन की ऩधॎधनत औय रबाि भं

अनेक साभा्जक औय िैऻाननक ऩऺं का सभािेि है।


सिषरथभ यऺाफॊधन को ही रेते हं। मह श्ािण भास भं भनामा जाता है। ऐसी

भाव मता है कक मह रा्भणं का ् मोहाय है। इस हदन रा्भण अऩने मजभानं को

यऺा-सूि फाॊधते थे। काराॊतय भं मह बाई-फहन के ् मोहाय के ूऩ भं ऩरयिनतषत हो


गमा। इस हदन फहनं अऩने बाइमं की कराई ऩय याखी फाॊधती हं, उनके भाथे ऩय

नतरक रगाती है औय उनके कक माण के र्रए ई् िय से राथषना कयती हं। बाई,


फहनं की यऺा का रण रेते हं। मह एक ऐनतहार्सक तथ म है कक भेिा़ की

भहायानी कणषिती ने गुजयात के फादिाह फहादुय िाह के आिभण से यऺा के र्रए

त् कारीन भुगर फादिाह हभामू को याखी बेजी थी। इसी से र्भरता-जुरता एक


् मोहाय बाई-दूज मा बैमा दूज है जो मभ ्वितीमा को भनामा जाता है। कहा जाता

है कक मभी ने अऩने बाई मभ के सभऺ रणम ननिेदन ककमा था। ऩयॊतु मभ ने

इसे ननवर्धॎध फताते हए ठ ु कया हदमा था। इसी की माद भं मह ् मोहाय भनामा जाता


है।


दूसया भह् िऩूणष ् मोहाय दिहया है ्जसे त िाय (अत तूफय) भाह भं भनामा


जाता है। इसे कहीॊ विजमदिभी औय कही दुगाषऩूजा के ूऩ भं भनामा जाता है। इसे

यािण ऩय याभ के विजम के उऩर् म भं भनामा जाता है। याभ अ् छाई के रतीक


हं औय यािण फुयाई का। इस रकाय मह फुयाई ऩय अ् छाई के विजम का रतीक है।

भनुट म के बीतय अ् छाइमाॊ औय फुयाइमाॊ दोनं वि्मभान हं। ऐसी ्् थनत भं ्जस





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