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अनुक ू र फना रेने का उसका साभथमष औय जर की बाॊनत ननयॊतय गनतभान उसकी

मािा ्वििेदी जी को सम्भोहहत कयती है औय िे उसका मिोगान कयने से खुद को


योक नहीॊ ऩाते। भनुटम उनके ननफॊधं की भूर गचवतन है। िे तो साहह्म बी उसी

को भानने के ऩऺधय हं ्जसभे भनुटम औय उसके जीिन जगत से जु़ी फातं हं।

स्म ही ्वििेदी जी ने अऩने ननफॊधं के भाध्मभ से भानि औय भानितािाद को


एक सिषथा निीन ृ्टिकोण रदान ककमा है ्जसका आरोक बविटम के

साहह्मकायं औय गचवतकं का भागष रि्त कयेगा। उनकी भानितािादी ृ्टि


िा्ित औय सभीचीन है।

डॉ. अनुयाधा संगय,


सहामक ननदेशक,

क ं रीम दहॊदी ननदेशारम













्जस देि को अऩनी बार्ा औय साहह्म का गौयि का अनुबि नहीॊ है,


िह उवनत नहीॊ हो सकता |


– डॉ. याजे्र रसाद















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