Page 52 - kaushal
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भारा, आकर्षक सजाििी भूनतषमाॊ, ऩ्भीना िॉर, खुफानी, अखयोि, फादाभ, के सय
खयीदते िाभ ढर चुकी थी, साथ ही ठॊड बी अऩने चयभ ऩय ऩहॊच चुकी थी। गे्ि
ु
हाऊस ऩहॊच कय याहत भहसूस हई। इन आठ हदनं भं रेह-रद्दाख की धयती से हभं
ु
ु
रगाि हो चुका था एिॊ ियीय बी ऩूयी तयह िहाॊ के भौसभ अनुक ू र ढर चुका था।
कक ॊ तु रौिना तो था ही, अत् बाई, बाबी एिॊ फ्चं के साथ भधुय ्भरनतमाॊ सॊजोए,
नभ आॊखं से सफसे विदा रे हभ िाऩस हदकरी आ गए।
डॉ. अॊजू ससॊह,
सहामक ननदेशक,
डी-II/12, ऩूसा क ं ऩस,
ऩूसा, नई दद्री
वऩन- 110012
याटरीम एकता की क़ी हहॊदी ही जो़ सकती है - फारकटण िभाष निीन
र
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खयीदते िाभ ढर चुकी थी, साथ ही ठॊड बी अऩने चयभ ऩय ऩहॊच चुकी थी। गे्ि
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डॉ. अॊजू ससॊह,
सहामक ननदेशक,
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याटरीम एकता की क़ी हहॊदी ही जो़ सकती है - फारकटण िभाष निीन
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