Page 64 - kaushal
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चाहहए कक हभं ितषभान भं जीना चाहहए, खुि यहना चाहहए। इसीर्रए कहा गमा
है:-
गते शोको न कति् मं बवव् मॊ नैव चच् तमेत।
वतिभानेन कारेन वतिमज्त ववचऺणा:।।
बूतकार से सीख रेने के अरािा हभाये ऩास क ु छ बी नहीॊ है। िोक कयने से
तो हभ विऩयीत ऩरय््थनतमं का र्िकाय हो सकते हं, जैसे ् िमॊ ऩय अगधक िोध
आना, खुद को मा दूसयं को नुकसान ऩहॉचाना, आिेि भं आना, भानर्सक सॊतुरन
ु
रफग़ना, गचॊनतत यहना, अिसाद का र्िकाय होना, बूरत क़ हो जाना। इन सफके
अरािा, बविट म की गचॊता कयके बी हभ अऩने ितषभान को खयाफ कयने के र्सिा
औय क ु छ नहीॊ कय सकते।
सभम फीतते देय नहीॊ रगती औय हभ सोच भं ऩ़े यहते हं कक त मा कयं औय
त मा न कयं। अगय कोई गरती हो बी जाती है तो उसे सुधायना चाहहए ना कक
ऩ् चाताऩ कयना चाहहए। इस तयह से न के िर खुद को खुि यखंगे फ्कक दूसयं
को बी। मे ितषभान खुिी ही ्जॊदगी को सकाया् भक सोच िारी फनाने भं भदद
कयेगी औय हभं क ु छ अरग मा वििेर् कयने की आि् मकता बी नहीॊ होगी। भदय
िेयेसा ने कहा था - Yesterday is gone, Tomorrow has not yet come, We have
only today Let us begin…… तो चर्रए हभ आगे फढते हं, जो है आज है, आज के
र्सिाम क ु छ नहीॊ।
महाॉ अऩनी क ु छ ऩॊ्ततमाॉ उधॎधरत कयना चाहॉगा (् वयचचत):
ू
अतीत भं तू भत हो ् भृत सा,
बवव् म को बी तू भत कय सॊर् न सा,
है नसीफ सफका अरग-अरग सा,
औय कभि बी जुदा-जुदा सा,
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है:-
गते शोको न कति् मं बवव् मॊ नैव चच् तमेत।
वतिभानेन कारेन वतिमज्त ववचऺणा:।।
बूतकार से सीख रेने के अरािा हभाये ऩास क ु छ बी नहीॊ है। िोक कयने से
तो हभ विऩयीत ऩरय््थनतमं का र्िकाय हो सकते हं, जैसे ् िमॊ ऩय अगधक िोध
आना, खुद को मा दूसयं को नुकसान ऩहॉचाना, आिेि भं आना, भानर्सक सॊतुरन
ु
रफग़ना, गचॊनतत यहना, अिसाद का र्िकाय होना, बूरत क़ हो जाना। इन सफके
अरािा, बविट म की गचॊता कयके बी हभ अऩने ितषभान को खयाफ कयने के र्सिा
औय क ु छ नहीॊ कय सकते।
सभम फीतते देय नहीॊ रगती औय हभ सोच भं ऩ़े यहते हं कक त मा कयं औय
त मा न कयं। अगय कोई गरती हो बी जाती है तो उसे सुधायना चाहहए ना कक
ऩ् चाताऩ कयना चाहहए। इस तयह से न के िर खुद को खुि यखंगे फ्कक दूसयं
को बी। मे ितषभान खुिी ही ्जॊदगी को सकाया् भक सोच िारी फनाने भं भदद
कयेगी औय हभं क ु छ अरग मा वििेर् कयने की आि् मकता बी नहीॊ होगी। भदय
िेयेसा ने कहा था - Yesterday is gone, Tomorrow has not yet come, We have
only today Let us begin…… तो चर्रए हभ आगे फढते हं, जो है आज है, आज के
र्सिाम क ु छ नहीॊ।
महाॉ अऩनी क ु छ ऩॊ्ततमाॉ उधॎधरत कयना चाहॉगा (् वयचचत):
ू
अतीत भं तू भत हो ् भृत सा,
बवव् म को बी तू भत कय सॊर् न सा,
है नसीफ सफका अरग-अरग सा,
औय कभि बी जुदा-जुदा सा,
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